Spermatozoons, floating to ovule

आईवीएफ की सफलता में कैसे करें ईज़ाफा ?

निःसंतानता से प्रभावित दम्पती जब किसी और की गोद में संतान देखते हैं तो उनका दुःख और भी बढ़ जाता है वे मन ही मन खुद को कोसने लगते हैं जबकि आईवीएफ जैसी आधुनिक तकनीकों से निःसंतानता को हराया जा सकता है। दुनियाभर में 80 लाख से ज्यादा आईवीएफ बेबीज का जन्म हो चुका और लोग इस तकनीक को सहर्ष स्वीकार करने लगे हैं। हालांकि आईवीएफ की सफलता दर समय के साथ बढ़ती जा रही है लेकिन कई दम्पतियों को आईवीएफ में असफलता मिलती है । यदि आईवीएफ उपचार करवाने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखें तो सफलता की संभावना बढ़ सकती हैं।

आईवीएफ सफलता बढ़ाने की आसान टिप्स

आईवीएफ हॉस्पिटल का चुनाव

आईवीएफ ट्रीटमेंट करवाने का फैसला करने के बाद दम्पतियों के सामने अच्छे आईवीएफ सेंटर का चयन करना मुश्किल भरा निर्णय होता है। यदि सही सेंटर और सटिक उपचार प्रक्रिया का चयन किया जाए तो सफलता की संभावनाएं अधिक होती हैं। वैसे तो आईवीएफ उपचार सभी अस्पतालों में समान रूप से ही होता है लेकिन दम्पती की जांचों को ध्यान में रखकर उपचार प्रक्रिया का निर्णय दम्पती के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। सेंटर की लैब में उपलब्ध उपकरण, चिकित्सकों व भ्रूण विशेषज्ञों की कुशलता व अनुभव आईवीएफ की सफलता को बढ़ाते हैं। आमतौर पर दम्पती अपने घर के नजदीक और सस्ते आईवीएफ सेंटर में बिना किसी जांच पड़ताल के इलाज शुरू करवा दते हैं जिससे सफलता नहीं मिल पाती है।

आराम जरूरी नहीं

आमतौर पर लोगों को ये लगता है कि आईवीएफ करवाने के बाद महिलाओं को बेड रेस्ट करना चाहिए लेकिन ये सही नहीं है । कई शोधों के अनुसार जो महिलाएं आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद घर के काम करती हैं ,उन्हें पूरी तरह से आराम करने वाली औरतों की तुलना में अधिक सफलता मिलती है। शरीर को अधिक आराम देने की वजह से मांसपेशियों में दर्द और जकड़न की समस्या हो सकती हैं, थोड़े अंतराल में पैदल चलें। सुबह ताजा हवा के लिए घर की खिड़कियां खोल दें ताकि आपको सकारात्मक ऊर्जा भी मिले। आईवीएफ के बाद डैली रूटिन को जारी रखें, आराम की जरूरत नहीं है । हल्की एक्सरसाइज करें।

स्ट्रेस से दूर रहें

निःसंतानता से प्रभावित महिला के लिए आईवीएफ मातृत्व की राह में बड़ी उम्मीद होती है लेकिन आईवीएफ की सफलता को लेकर वह मन ही मन परेशान रहती है । आत्मविश्वास की कमी के कारण प्रक्रिया के बाद का समय तनावपूर्ण हो सकता है। महिला को अपने आसपास पॉजिटिव एनर्जी देने वाले लोगों को रखना चाहिए ताकि वो आईवीएफ प्रक्रिया और भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद की यात्रा आसान कर सके। आईवीएफ के परिणाम को लेकर अतिउत्साह और तनाव की स्थिति महिला को परेशान कर सकती है। तनाव के कारण महिला का इलाज असफल होने का डर रहता है। आईवीएफ के दौरान और बाद में महिला को खुश रहना चाहिए ।

अधिक वजन

महिला को गर्भधारण की योजना बनाने से पहले वजन को बीएमआई के अनुसार संतुलित करना चाहिए। अधिक वजन प्राकृतिक गर्भधारण में बाधा डालता है साथ ही आईवीएफ की सफलता को भी प्रभावित करता है। आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले वजन को कम करने से सफलता के आसार अधिक होते हैं, पुरूषों में भी मोटापे का शुक्राणुओं पर बुरा असर होता है।

नशा और धूम्रपान से बचें

पिछले कुछ वर्षों में महिला और पुरूषों में शराब और धूम्रपान का सेवन लगातार बढ़ता जा रहा है । इससे अन्य शारीरिक समस्याएं होने के साथ निःसंतानता की समस्या भी हो सकती है। जो दम्पती फैमेली प्लानिंग कर रहे हैं या आईवीएफ उपचार शुरू करवाना चाहते हैं उन्हें शराब, तम्बाकू, धूम्रपान से दूरी रखनी चाहिए, इनका अंडे व शुक्राणुओं दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है इससे आईवीएफ की सफलता भी प्रभावित हो सकती है।

नयी तकनीकों का साथ

आईवीएफ की नयी तकनीकों से सफलता दर को बढ़ाया जा सकता है। पुरूष निःसंतानता के मामले में इक्सी अधिक कारगर साबित हो सकती है क्योंकि इसमें सीमन सेम्पल में से श्रेष्ठ शुक्राणु का चयन कर उसे सीधे अण्डे में इंजेक्ट किया जाता है इसमें भ्रूण बनने की संभावना अधिक होती है। आईवीएफ की सफलता में ईजाफा करने वाली अन्य तकनीक है ब्लास्टोसिस्ट कल्चर। सामान्यतया आईवीएफ प्रक्रिया में तीन दिन के भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानान्तरित किया जाता है जबकि ब्लोस्टोसिस्ट में इसे 5 दिनों तक लैब में विकसित किया जाता है इसके बाद महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है जिससे सफलता की संभावना ज्यादा रहती है। जिन महिलाओं की उम्र अधिक, पीसीओडी से प्रभावित , पूर्व में कैंसर जैसी बीमारी रही हो वे लेजर असिस्टेड हैचिंग से आईवीएफ में सफलता प्राप्त कर सकती हैं।

आईवीएफ उपचार अपनाने वाले दम्पती इसे बहुत बड़ा उपचार मानते हैं लेकिन ये भी प्राकृतिक गर्भधारण के समान ही है इसलिए इसके विषय में अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है बस जरूरत है छोटी- छोटी बातों को ध्यान देकर सफलता के अवसर बढ़ाने की, यदि दम्पती इन बातों पर ध्यान दें तो पूर्व में असफलत आईवीएफ के बावजूद सफलता मिल सकती है।

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